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पिशाचिनी 18 अगस्त 2022 लिखित एपिसोड अपडेट: दादा जी को क्या हुआ?

Pishachini 18th August 2022 Written Episode Update in Hindi
Pishachini 18th August 2022 Written Episode Update

 

Pishachini 18th August 2022 Written Episode Update in Hindi:

दादा जी कहते हैं मैं इस पंडित जी के कपड़े को इस सूंड पर बांध दूंगा। पवित्रा वहीं बैठी है। पिशाचिनी उसे छू नहीं सकती। वह ट्रंक के बारे में सोचती है। दादा जी जंगल में दौड़ते हैं। एक काला धुआँ आकाश को ढक लेता है। हर कोई दादा जी का इंतजार करता है। शादी का समय निकल रहा है। पिशाचिनी दादा जी के चारों ओर हंसती है। वह फेंकता है। पिशाचिनी सूंड पकड़ती है। पवित्रा वहाँ दादा जी की तलाश में आती है। रॉकी पवित्रा को ढूंढता है। पिशाचिनी कहती है कि तुमने सोचा था कि तुम मेरे साथ खिलवाड़ कर सकते हो? 

मैं मेहमानों की सेवा कर रहा था। तुम्हें मेरी सूंड भी मिल गई? क्या तुम मुझे बरेली ले जाओगे? वह कहते हैं कभी नहीं। मैं किसी को आपके झांसे में नहीं आने दूंगा। मैं तुम्हें इस ट्रंक में दफना दूंगा। पवित्रा वहाँ आती है। पिशाचिनी कहती है कि आओ मुझे इसमें फंसाने की कोशिश करो। बाबू जी राड मंत्र। पवित्रा हंस पड़ी। वह कहती है कि आप भगवान के पास जाना चाहते हैं और उसे स्वयं पढ़ना चाहते हैं?

शादी शुरू होती है। पिशाचिनी ने दादा जी की ओर आग लगा दी। वह बेहोश हो जाता है। वह उसकी सूंड के साथ दौड़ता है। वह हंसती है। दादी जी उठने की कोशिश करती हैं। पवित्रा उसे ढूंढती है। वह दौड़ने की कोशिश करता है। उसके पीछे पिशाचिनी आती है। पवित्रा उसकी तलाश में इधर-उधर भागती है। रॉकी पवित्रा को ढूंढता है। उनकी बाँहें आपस में चिपक जाती हैं। दादा जी कहते हैं। वह कहता है कि मैं उसकी तलाश करूंगा, चिंता मत करो। पवित्रा दादा जी को दौड़ते हुए अंदर आते देखती है। वह गिर जाता है। पवित्रा शिम रखती है। वह अंतिम सांसे ले रहे हैं। सब आते हैं। वे उसे उठाकर अंदर ले गए।

दादा जी लकवाग्रस्त हैं। डॉक्टर का कहना है कि उन्हें दौरा पड़ा है। वह बोल या हिल नहीं सकता। निकिता के पति पूछते हैं कि यह कैसे हुआ? सचिन कहते हैं कि हमने उन्हें हर जगह खोजने की कोशिश की। पवित्रा का कहना है कि वह घर वापस कह रहा था। सुधाकर कहते हैं कि हमें आज घर वापस जाना चाहिए। पापा जी कुछ कहने की कोशिश करते हैं। पवित्रा को आश्चर्य होता है कि वह क्या कहना चाह रहा है। वे उसे एम्बुलेंस में बाहर ले जाते हैं। परिवार छोड़ देता है। रॉकी पवित्रा को अलविदा कहता है। 

वह कहता है कि आपको हमारे साथ बरेली आना चाहिए। वह अलविदा कहती है। पथरीले पत्ते। उसकी माँ पवित्रा से कहती है कि तुम परिवार की तरह महसूस करते हो। सुधाकर कहते हैं कि कृपया अगली बार बरेली आएं। वो जातें हैं। रॉकी उसे देखता है। अमृता और प्रतीक डरे हुए हैं।

पवित्रा उसकी बातें देखती है। वह कहती हैं कि दादा जी कुछ और ही कह रहे थे। शायद वह बरेली वापस जाने का रास्ता खोजने की कोशिश कर रही है? क्या वह वापस ले गई और बरेली जा रही है? पवित्रा रन आउट। वह एक महिला को सफेद रंग में देखती है। पवित्रा एक दुपट्टा ही देखती है। वह इसके पीछे दौड़ती है। यह एक पेड़ पर लटका हुआ है। पवित्रा दुपट्टा जलाती है लेकिन आग नहीं पकड़ती। तेज हवाएं चलती हैं। पवित्रा कहती है कि मैं तुम्हारा सामना करूंगी। दुपट्टा जल गया। पवित्रा को पता चलता है कि पिशाचिनी बरेली चली गई है।

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